Friday, January 30, 2015

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50 साल की उम्र में गांधीजी टैगोर की भांजी से करना चाहते थे दूसरी शादी

अहमदाबाद। दुनिया को शांति और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में आज कौन नहीं जानता। नाम : मोहनदास करमचंद गांधी। उपनाम : बापू, संत, राष्ट्रपिता, महात्मा गांधी। जन्मतिथि : 2 अक्तूबर 1869। जन्म स्थान : पोरबंदर, गुजरात।
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महात्मा गांधी के पिता का नाम करमचंद्र और माता का नाम पुतलीबाई था। अपने परिवार में सबसे छोटे बापू की एक सबसे बड़ी बहन और दो बड़े भाई थे। इनकी सबसे बड़ी बहन रलियत, फिर भाई लक्ष्मीदास और भाभी नंद कुंवरबेन, भाई कृष्णदास और भाभी गंगा थीं।
आज ही के दिन यानी कि 30 जनवरी, 1948 को महात्मा गांधी की नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। राष्ट्रपिता के रूप में महात्मा गांधी एक अनोखा व्यक्तित्व रखने वाली शख्सियत थी, लेकिन उनके जीवन से जुड़े कुछ तथ्य शॉकिंग भी हैं।

इतिहास की अनेकों पुस्तकों में महात्मा गांधी से कई स्त्रियों के संबधों का दावा किया गया है। लेकिन इसमें सबसे चर्चास्पद मामला रहा है, महात्मा गांधी और सरला देवी के संबंधों को लेकर। उल्लेखनीय है कि सरलादेवी रवींद्रनाथ टैगोर की बड़ी बहन की बेटी थीं।
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सरलादेवी
गांधीजी के 71 वर्षीय पोते राजमोहन गांधी ने अपनी एक पुस्तक में लिखा है कि अपनी विवेकबुद्धि के लिए प्रख्यात महात्मा गांधी विवाहित और चार संतानों के पिता होने के बावजूद भी सरलादेवी के प्रेम में पड़ गए थे। इतना ही नहीं, वे सरला से शादी करने के लिए भी तैयार हो गए थे। सरलादेवी गांधीजी की पत्नी कस्तूरबा की तुलना में काफी प्रतिभाशाली और बुद्धिमान थीं और वे स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय थीं।
परिवार और राष्ट्रहित के लिए उन पर भी गांधीजी से संबंधों पर पूर्ण विराम लगाने का दबाव डाला गया। राजमोहन के अनुसार गांधीजी का यह प्रेम प्रकरण सीक्रेट नहीं था, बल्कि यह बात दोनों परिवारों में सबको मालूम थी। हालांकि यह बात अलग है कि सरलादेवी ने अपनी आत्मकथा में इस बात का जिक्र नहीं किया है।
सरलादेवी का दीपक चौधरी नामक एक बेटा था। सरलादेवी के मोहपाश में बंधे गांधीजी ने तो दीपक के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू से बेटी इंदिरा गांधी का हाथ भी मांगा था। लेकिन पंडित नेहरू ने इसके लिए स्पष्ट मना कर दिया था। सरलादेवी के पति चौधराी राम भाजी दत्त स्वतंत्रता संग्राम में मुख्य रूप से सक्रिय थे। जब वे जेल में थे, तब उन्होंने ही सरलादेवी को महात्मा गांधी के घर पर रहने के लिए कहा था। बताया जाता है कि इसी बीच महात्मा गांधी और सरलादेवी एक-दूसरे के नजदीक आए थे। इन्होंने तो ‘आध्यात्मिक लग्न’ कर लेने का आयोजन भी कर लिया था, जिसका गांधीजी के बेटे देवदास गांधी ने भारी विरोध किया था।
सरलादेवी के अलावा गांधीजी के कुछ अन्य स्त्रियों से संबंधों का भी दावा किया जाता है। इसमें ब्रिटिश एडमिरल की बेटी मेडेलीन स्लेड, सुशीला नायर और दो मानसपुत्रियों मनु तथा आभा गांधी का भी नाम शामिल है।
सुशीला नायर
गांधीजी का विवाह सन् 1883 में कस्तूरबा से हुआ, इस समय उनकी उम्र 13 वर्ष थी। जबकि कस्तूरबा गांधीजी से एक वर्ष बड़ी उम्र की थीं। कस्तूरबा निरक्षर थीं, लेकिन वे हमेशा से ही गृहकार्य में कुशल रहीं। महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा ‘मेरे सत्य के प्रयोग’ में लिखा है कि जब उनके पिता मरणासन्न की स्थिति में थे, तब वे कस्तूरबा से शारीरिक संबंध स्थापित कर रहे थे, इसी बीच दूसरे कमरे में उनके पिता की मृत्यु हुई थी। इस घटना के बाद से सेक्स के प्रति महात्मा गांधी की रुचि कम हो गई और वे मानने लगे कि जब दंपति को संतान उत्पन्न करना हो, तभी शारीरिक संबंध स्थापित करने चाहिए।
कस्तूरबा
इतना ही नहीं, महात्मा गांधी अपने ब्रह्मचर्य की परीक्षा लेने के लिए सुशीला नायर और टीनएज मनु तथा आभा के साथ सह-स्नान और नग्न होकर सोने के प्रयोग भी किया करते थे। महात्मा गांधी के ये प्रयोग भारी विवाद का मुद्दा भी बना था। इसे लेकर आश्रमवासियों और उनके परिवारजनों ने उनसे नाराजगी भी प्रकट की थी।
मनु तथा आभा

हजारों जानें बचाकर शहीद हुआ यह जांबाज, बेटी ने किया सैल्यूट

होके के होई ना, होना ही परचा’ यानी ‘होगा कि नहीं होगा, होके ही रहेगा’ ये हुंकार जब कश्मीर के पुलवामा जिले में मंगलवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए कर्नल एम.एन.राय बड़ी बेटी अलका ने जब अपने पिता को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए भरी तो पूरे देशवासियों की पलके नम हो गई। अलका ने फिर अपने पिता को सैल्यूट किया। पिता को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद अलका के आंसू रुक नहीं रहे थे।
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शहीद पिता को सैल्यूट करती अलका।
सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग, अन्य अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों ने दिल्ली कैंट इलाके के श्मशान घाट में उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किए।
कर्नल राय (39) को गणतंत्र दिवस के अवसर पर युद्ध सेवा मेडल से सम्मानित किया गया था। उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक पांच साल का बेटा है। जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के हेड कांस्टेबल संजीवन सिंह भी मंगलवार रात हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। इस मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकवादी भी मारे गए थे। ये आतंकी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे, जिससे हजारों जाने जा सकती थी।
एक नजर
- कर्नल के पिता ने कहा कि वे कर्नल राय की दोनों बेटियों अलका, रिचा, बेटे आदित्य को सेना में ही भेजेंगे। ताकि वे अपने पिता का काम पूरा कर सकें।
- 31 जनवरी को राय की शादी की 14वीं सालगिरह है।
- राय को इसी 26 जनवरी को युद्ध सेवा मेडल दिया गया था। तब उनके दोस्त ने कहा था कि अगली बार अशोक चक्र पक्का।
शव के पास शहीद की पत्नीहजारों जानें बचाकर शहीद हुआ यह जांबाज, बेटी ने किया सैल्यूट

जब गांधी ने नवाबी शासन को बताया था लोकतंत्र से बेहतर, मचा खूब बवाल

भोपाल। आज पूरी दुनिया महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रृद्धांजलि अर्पित कर रही है। बापू हमेशा अनुशासन प्रिय रहे और उन्होंने भारत में राम राज्य का सपना देखा। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं जब बापू की इसी राम राज्य की व्याख्या पर काफी बवाल भी मच गया था। यह व्याख्या बापू ने 1929 में अपने भोपाल दौरे के दौरान की थी। वे भोपाल के नवाब हमीदुल्ला खां के बुलावे पर आए थे और बेनजीर मैदान पर सभा में यह व्याख्या की थी। यह पूरा प्रसंग गांधी शताब्दी समिति द्वारा लिखवाई गई किताब मध्यप्रदेश में गांधी जी में लिखा हुआ है। पढ़िये, उसके कुछ अंश-
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फाइल फोटो।।
बेनजीर मैदान पर हुई सभा में गांधी जी ने अपने भाषण की शुरुआत में नवाब हमीदुल्ला के प्रति कृतज्ञता प्रकट की थी और कहा कि नवाब साहब और भोपाल की जनता के प्रति उनके मन में जो प्रेम की भावना थी वह उन्हें यहां खींच लाई। नवाब साहब के सादे जीवन की प्रशंसा करते हुए गांधी जी ने उनकी तुलना हजरत उमर से की और कहा कि भोपाल की जनता का यह सौभाग्य है कि उन्हें इस प्रकार के शासक प्राप्त हुए हैं।
रामराज्य की व्याख्या
रामराज्य के बारे में बोलते हुए गांधी जी ने कहा था कि किसी देश के लिए नरेशों यानी राजाओं का शासन भी प्रजातंत्र के समान महानता को प्राप्त करने में समर्थ हो सकता है। यही कारण है कि मेरी देशी नरेशों से कोई दुश्मनी नहीं है और मेरा विश्वास है कि देशी नरेश भी यदि पूरी तरह प्रयत्नशील हों तो देश में रामराज्य की स्थापना हो सकती है। मुस्लिम बहुल श्रोताओं के समक्ष जब गांधीजी ने रामराज्य की बात कही तो उसके आगे इसकी व्याख्या भी उन्हें करनी पड़ी।
उन्होंने कहा, "रामराज्य का अर्थ हिंदू राज्य नहीं है। मैं मुसलमान भाईयों से कहना चाहता हूं कि वे रामराज्य का अर्थ गलत न समझें। रामराज्य से मेरा मतलब है, ईश्वर का राज। मेरे लिए राम और रहीम में कोई अंतर नहीं है। मेरे लिए तो सत्य और सत्कार्य ही ईश्वर है। पता नहीं, जिस रामराज्य की कल्पना हमें सुनने को मिलती है वह कभी इस पृथ्वी पर था थी या नहीं, लेकिन प्राचीन रामराज्य का आदर्श प्रजातंत्र के आदर्शों से बहुत कुछ मिलता-जुलताा है और कहा गया है कि रामराज्य में दरिद्र से दरिद्र व्यक्ति भी कम खर्च में और अल्प अवधि में न्याय प्राप्त कर सकता था। यहां तक कहा गया है कि रामराज्य में एक कुत्ता भी न्याय प्राप्त कर सकता था। यदि देश में शासक और शासित ईश्वर पर भरोसा रखने वाले हों तो वह शासन दुनिया की सभी प्रजातंत्रीय व्यवस्थाओं से उत्तम होगा।'
किताब में कहा गया है कि गांधी जी द्वारा नवाब साहब और रामराज्य के संबंध में जो कहा गया या लिखा गया था, उसे लेकर काफी विवाद भी हुआ। माना जाता है कि विवाद राजाओं के शासन को प्रजातंत्र से बेहतर बताने के कारण हुआ था। उन्होंने नवाब हमीदुल्ला खां की तुलना हजरत उमर से की थी। हजरत उमर मुहम्मद साहब के प्रमुख चार साथियों में से एक थे।
गांधी जी दो बार भोपाल आए थे। 1929 के बाद वे 1933 में भोपाल आए थे। तब उन्हें भोपाल से अपनी ट्रेन बदलना था तो कुछ देर के लिए यहां रुके थे। इस दौरान उन्होंने जनसभा को संबोधित भी किया था।

ALERT: इसका रखें ध्यान, तो मिल सकता है आपका चोरी/खोया MOBILE

भोपाल। क्राइम ब्रांच की लॉस्ट सेल फोन यूनिट ने जुलाई 2013 से दिसंबर 2014 तक चोरी हुए 7000 में से 1800 मोबाइलढूंढ निकाले हैं। इतना ही नहीं मिले हुए सारे मोबाइल उनके सही मालिकों तक भी पहुंचा दिए गए हैं। हालांकि, पता और आईएमईआई नंबर गलत देने के बावजूद पुलिस ने मोबाइल ढूंढ निकालने में सफलता हासिल की है। पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अक्सर फरियादी गलत जानकारी देते हैं। ऐसे में मोबाइल ट्रेस करने में हमारी टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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माेबाइल चोरी होने की शिकायत करते फरियादी।
सही जानकारी देने पर कई मोबाइल तो तीन दिन में ट्रेस हो गए, तो कई 6 महीने में भी ट्रेस नहीं हो पाए। जानना चाहते हैं मोबाइल ट्रेस न होने की वजह और कैसे मिलेगा खाेए मोबाइल? तो पढ़ें दैनिक भास्कर डॉट काम की ये खास रिपोर्ट...।
भाई के दोस्त अहमदनगर, महाराष्ट्र में चुराया और इंदौर में उपयोग किया
केस 1- विशाखा बेंटिक्ट, स्टूडेंट।
मोबाइल- नोकिया ल्यूमिया 520।
कीमत - 10 हजार रुपए।
इस तरह से मिला मोबाइल 
विशाखा ने शिकायत दर्ज कराई थी कि, उसका मोबाइल गिन्नौरी तलैया से खो गया है। इस पर पुलिस ने सिम प्रदाता कंपनियों से सूचना मांगी। पुलिस को ये सूचना 3 महीने तक नहीं मिली। दिसंबर में सेल को सूचना मिली कि, इंदौर में मोबाइल और सिम का उपयोग किया जा रहा है। उपयोग करने वाला बिहार का है। जब, नंबर को सर्चिंग पर डाला तो सामने आया कि पुणे, अहमद नगर और बिहार में इस नंबर से बात हो रही है। इस सिम का ट्रू कॉलर में भी कोई रिकार्ड नहीं था। कंपनी से जानकारी मंगवाई तो उसमें इरफान राइम का नाम लिखा था और पता बिहार का था। पुलिस ने जानकारी दोबारा सर्च की उसमें इंदौर के लोकल परिचित का नाम और एड्रेस सामने आया। इस एड्रेस पर सर्च किया तो पता चला कि, विशाखा के भाई के दोस्त ने ही पुणे ���े अहमद नगर से मोबाइल चुराया था। कुछ दिनों बाद भाई का दोस्त इंदौर आ गया और यहां पढ़ाने लगा। जब उसने मप्र की सिम उपयोग की, तो सेल को उसकी पुरी जानकारी मिल गई। सेल ने उस पर दबाव डाला और उसने मोबाइल कूरियर से यूनिट में भेज दिया। सेल को मोबाइल मिलने पर उन्होंने 1 जनवरी को विशाखा को मोबाइल वापस किया।
गलत जानकारी दिए जाने के कारण इस केस में पुलिस लगभग 5 महीने तक उलझी रही। मोबाइल गुमने की शिकायत 28 अगस्त 2014 को की गई थी। मोबाइल 1 जनवरी 2015 को वापस किया गया।
स्टूडेंट ने चुराया टीचर का मोबाइल
सचिन साेनकुसरे, एसडीओ बीएसएनएल।
मोबाइल- सैमसंग चैम्प।
कीमत - 3770 रुपए।
सचिन ने 20 जनवरी 2015 को यूनिट में शिकायत की थी कि, उनकी पत्नी का मोबाइल रेड रोज स्कूल से चोरी हो गया है। उनकी पत्नी रेड रोज स्कूल में टीचर है। मोबाइल में ट्रेकर लगा था। कंपनी से जानकारी मिलने से पहले ही सेल ने ट्रेकर और सही जानकारी के अनुसार मोबाइल ढूंढ निकाला। पुलिस ने अनुसार मोबाइल में दूसरी सिम डालकर उसे चलाया जा रहा था। जांच में पता चला कि मोबाइल एक 12वीं क्लास के लड़के के पास था, जो उसी स्कूल में पढ़ता है। लड़के ने मोबाइल में नई सिम लगाकर अपनी बहन से बात की थी, जिससे वह पकड़ा गया। इस मोबाइल को 28 जनवरी को सचिन को वापस कर दिया गया।
ट्रेन में खोया मोबाइल और बताया आफिस का पता
केस-3बैरागढ़ में रहने वाले एक डॉक्टर ने शिकायत की थी कि, उसके डेस्क बोर्ड से किसी ने मोबाइल चुरा लिया है। डॉक्टर के पास सेमसंग नोट 1 था, जो कि 31500 रुपए का था। जब इस मोबाइल के आईएमईआई नंबर को सर्च किया गया, तो सामने आया कि किसी ने इस मोबाइल में सिम डालकर सिर्फ नेट का उपयोग किया था। इस दौरान जो मेले किए गए थे उसके आधार पर पुलिस आरोपी तक पहुंच गई। मोबाइल दुर्ग छत्तीसगढ़ में उपयोग किया जा रहा था, जिसे पुलिस ने भोपाल में मंगवाया। जांच में पता चला कि डॉक्टर ने झूठ बोला था कि, उसका मोबाइल डेस्क बोर्ड से नहीं, बल्कि ट्रेन में यात्रा के दौरान छूट गया था। एक महीने में मोबाइल का पता लगाकर डॉक्टर को वापस कर दिया गया। 

डेढ़ साल में आए 7 हजार आवेदन 
लॉस्ट कॉल फोन यूनिट की स्थापना क्राइम ब्रांच शाखा में 29 जुलाई 2013 को हुई। यूनिट में 2013 में 2613 आवेदन आए और 2014 में 4416 आवेदन। इनमें से 1800 मोबाइलों का पता लगाकर लोगों को वापस कर दिए गए।
इस तरीके से पा सकते हैं अपना खाेया मोबाइल
मोबाइल गुम होने की शिकायत के लिए वेबसाइट http://bhopalpolice.com/lostphone.html से फार्म डाउनलोड करें। इसमें जानकारी भरने के बाद मोबाइल का बिल और एड्रेस, आईडी प्रूफ के साथ एमपी नगर थाने स्थित लॉस्ट सेल फोन यूनिट में जमा कर दीजिए। जैसे ही मोबाइल की सही जानकारी मिलती है, सेल मोबाइल को ट्रेस कर ढूंढ निकालती है और सही व्यक्ति तक पहुंचा देती है। यदि फरियादी मोबाइल चोर के खिलाफ एफआईआर लिखाना चाहता है, तो एफआईआर होती है, वरना नहीं। सेल से मिली जानकारी के अनुसार ज्यादातर केसों में फरियादी मोबाइल पाकर ही संतुष्ट हो जाता है और केस दर्ज नहीं कराना चाहता।
संबंधित कंपनी को हर सोमवार को भेजी जाती है जानकारी
मोबाइल गुम होने के आवेदन जमा किए जाते हैं, हर सोमवार को सारे मोबाइल की डिटेल मोबाइल कंपनियों को भेजी जाती है। यदि किसी कंपनी की सिम का उपयोग होता है तो वह अगले दिन ही इसकी जानकारी यूनिट को भेज देती है। ऐसे में यदि मोबाइल बंद रहा तो जानकारी जल्दी नहीं मिल पाती है। जानकारी आने के बाद सिम की लोकेशन ट्रेस की जाती है। इसके बाद मोबाइल से जो भी बात हो रही है, उसकी जानकारी ली जाती है। इसी आधार पर मोबाइल सर्च किए जाते हैं।
एक मोबाइल बिकता है कई बार
कई केसों में ये भी जानकारी सामने आई है कि मोबाइल चुराने वाला इसे किसी को बेच देता है और वह किसी दूसरे को। इस तरह एक मोबाइल कई बार बिक जाता है। ज्यादातर मोबाइल बिहार और उत्तर प्रदेश में जाते हैं। इन दो राज्यों के बाद कुछ मोबाइल जम्मू-कश्मीर में भी बेचे जाते हैं।

गिलानी के बिगड़े बोलः कर्नल को मारने वाले आतंकियों को बताया शहीद

नई दिल्ली. अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी ने त्राल में सेना के कर्नल एमएन राय की हत्या करने वाले आतंकवादियों को शहीद बताया है।
गिलानी ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि ''त्राल में फौज की गोलियों का शिकार हुए आबिद अहमद खान के अंतिम संस्कार में हजारों लोग शामिल हुए। आबिद फौज से लड़ते हुए 27 जनवरी को शहीद हो गया।'' गिलानी ने कहा, 'उनका "पवित्र रक्त" व्यर्थ में नहीं जाएगा और भारत को जमीनी हकीकत को स्वीकार करना होगा।' 84 साल के गिलानी दिल्ली में अपना इलाज करा रहे हैं। अपने ईमेल किए बयान में उन्होंने कहा, 'भारत सरकार के कठोर और जिद्दी दृष्टिकोण के कारण युवा कलम के बजाय बंदूक चुन रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'बंदूक उठाने वाले नौजवानों ने शौक से यह रास्ता नहीं चुना है। वह पढ़े-लिखे हैं और उन्हें कश्मीर की पूरी हकीकत पता है। त्राल के बहादुरों ने अपनी जान देकर पूरी कौम पर एक बड़ी जिम्मेदारी डाली है। हम लोगों का मजहबी फर्ज बनता है कि हम उनके मिशन को आगे ले जाते हुए कोई भी ऐसा काम न करें, जिससे उनकी शहादत बेकार जाए।'

बता दें कि त्राल में हुई इस मुठभेड़ में सेना के कर्नल एमएन राय और जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक हेड कॉन्सटेबल संजीव सिंह शहीद हो गए थे।

भीग गया हो फोन या पड़ गए हों स्क्रैच, इन देसी तरीकों से कर सकते हैं ठीक

गैजेट डेस्क। कई बार फोन के पानी में गिर जाने की वजह से या फिर स्क्रैच पड़ जाने की वजह से खराब हो जाता है। कई बार बटन वाले फोन की बटन्स ही काम करना बंद कर देती हैं। ऐसे में अगर आप नया फोन नहीं लेने वाले हैं तो कुछ देसी तरीकों से इसे सुधारा जा सकता है। हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे ही कुछ देसी टिप्स ।
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एल्कोहॉल से साफ हो सकता है मोबाइल, ठीक हो सकती है जाम बटन :
भले ही ये ट्रिक पढ़ने में थोड़ी अजीब लगे, लेकिन काम की साबित हो सकती है। howtogeek वेबसाइट के मुताबिक ये ट्रिक बहुत उपयोगी साबित हो सकती है। अगर आपके पास कीबोर्ड वाला मोबाइल हो या फुल टच स्क्रीन की जगह होम बटन है या फिर सोनी सीरीज का कोई फोन है जिसमें मेटैलिक पावर बटन दी है तो एल्कोहॉल आपके लिए बड़े काम की चीज साबित हो सकता है।

क्या हो सकते हैं फायदे :

* फोन की बटन्स हो सकती हैं साफ
* कम्प्यूटर की-बोर्ड के लिए कर सकते हैं इस्तेमाल
* माउस भी कर सकते हैं साफ
* फोन के केस को या बैटरी को करें साफ
* सिम स्लॉट को भी एल्कोहॉल से साफ किया जा सकता है।
इसके लिए एक इयर बड में या फिर थोड़ी सी रुई को किसी छोटी लकड़ी में लगाकर उसमें दो बूंद एल्कोहॉल डालें, दो मिनट तक रहने दें उसके बाद हल्के हाथ से गैजेट्स की सफाई करें। ध्यान रहे की ज्यादा प्रेशर पड़ने से एल्कोहॉल गैजेट के अंदर भी जा सकता है। हल्के हाथ से सफाई करने के बाद कपड़े से पोंछ 
अगर मोबाइल पानी में गिरा हो तो :
भीगे हुए फोन को ऑफ करने के बाद उसकी सभी एक्सेसरीज को अलग कर दें इनमें-
- बैटरी
- सिम कार्ड
- मेमोरी कार्ड
- फोन से अटैच की गई कौर्ड
इन सभी एक्सेसरीज को अलग करने से शॉर्ट सर्किट का खतरा कम हो जाएगा। अगर आपके फोन में नॉन-रिमूवेबल बैटरी है जैसे नोकिया लुमिया या आईफोन में होती है तो बैटरी निकाल कर ऑफ करने का विकल्प खत्म हो जाएगा। ऐसे में पावर बटन से बंद करना सबसे ज्यादा जरूरी है। नॉन रिमूवेबल बैटरी के कारण शॉर्ट सर्किट हो सकता है।

करें पेपर नैप्किन का इस्तेमाल :
फोन की एक्सेसरीज को अलग करने के बाद फोन के सभी पोर्ट्स को सुखाना जरूरी है। इसके लिए पेपर नैप्किन का इस्तेमाल करना सबसे सहूलियत भरा होगा। इसके अलावा, फोन को पोछने के लिए नरम तौलिए का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
चावल के बर्तन में रखकर सुखाएं :
तौलिए से पोछने के बाद सबसे जरूरी काम होगा फोन के इंटरनल पार्ट्स को सुखाना। इसके लिए फोन को सूखे चावल में दबाकर एक बर्तन में रख दीजिए। चावल बड़ी तेजी से नमी सोखता है। ऐसे में फोन के इंटरनल पार्ट्स सूख जाएंगे। 
चावल के बर्तन में अगर फोन को ना रखना चाहें तो सिलिका जेल पैक (silica gel pack) का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। ये जेल पैक्स जूतों के डब्बों में रखे जाते हैं। इनमें चावल से ज्यादा तेजी से नमी सोखने की ताकत होती है।
भीग गया हो फोन या पड़ गए हों स्क्रैच, इन देसी तरीकों से कर सकते हैं ठीक
अपने फोन को कम से कम 24 घंटों तक सिलिका पैक या फिर चावल के बर्तन में रखे रहने दें। जब तक ये पूरी तरह सूख ना जाए इसे ऑन करने के बारे में मत सोचिए। फोन के साथ-साथ बैटरी और बाकी एक्सेसरीज को भी चावल में सुखाया जा सकता है। जब तक फोन पूरी तरह से ना सूखे इसे ऑन ना करें। चावल के बर्तन में रखने से फोन के इंटरनल पार्ट्स में डस्ट रह जाने का खतरा होता है, इसके लिए दोबारा पेपर नैप्किन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
अगर आपका फोन पानी में भीग गया है तो ये काम बिलकुल ना करें:
* फोन को ड्रायर से सुखाने की कोशिश ना करें। ड्रायर बहुत ज्यादा गर्म हवा फेंकता है ऐसे में फोन के सर्किट्स पिघल सकते हैं।
* अगर फोन भीग गया है तो उसे तुरंत ऑफ करें। किसी और बटन का इस्तेमाल करने से शॉर्ट सर्किट का खतरा काफी बढ़ जाता है।
* हेडफोन जैक और फोन के यूएसबी पोर्ट का इस्तेमाल तब तक ना करें जब तक फोन पूरी तरह से सूख ना गया हो। इनका इस्तेमल करने से नमी का फोन के इंटरनल पार्ट्स में पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है। 
स्क्रैच हटाने के लिए सैंडपेपर का इस्तेमाल :
अगर आपके पास मेटैलिक फ्रेम या बैक कवर वाला मोबाइल है और जेब में रखने के कारण सिक्कों और चाभी के साथ रखने के कारण या किसी और कारण से उसमें स्क्रैच पड़ गए हैं तो सैंडपेपर का इस्तेमाल किया जा सकता है। हल्के हाथ से सैंडपेपर घिसने से स्क्रैच भी हल्के हो जाएंगे। ध्यान रहे की ये ट्रिक प्लास्टिक फ्रेम वाले या ग्लॉसी बैक कवर वाले फोन में इस्तेमाल ना करें।
करें टूथपिक का इस्तेमाल :भीग गया हो फोन या पड़ गए हों स्क्रैच, इन देसी तरीकों से कर सकते हैं ठीक
कई बार हैडफोन जैक में या फिर यूएसबी पोर्ट में डस्ट जम जाने के कारण वो ठीक तरह से काम नहीं कर पाते ऐसे में हैडफोन जैक या यूएसबी पोर्ट को टूथपिक से साफ किया जा सकता है। टूथपिक के सिरे में थोड़ी सी रुई लगाएं और जमी हुई गंदगी को साफ करें। इसके लिए अमोनिया क्लीनर, नेल पॉलिश रिमूवर या फिर एल्कोहॉल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है, लेकिन इसका इस्तेमाल यूएसबी पोर्ट में करने से बचें क्योंकि इससे क्लीनर फोन के अंदर भी जा सकता है।
करें टूथपेस्ट का इस्तेमाल :
अगर आपके फोन की स्क्रीन कवर पर स्क्रैच पड़ गए हैं तो यकीनन आपको बुरा लगेगा। ऐसे में अगर स्क्रैच हल्के हैं तो स्क्रीन गार्ड बदलने की जगह उसे टूथपेस्ट की मदद से ठीक किया जा सकता है। इसके लिए यूजर्स को रुई में हल्का सा टूथपेस्ट लेकर उसे स्क्रीन पर फैलाना होगा। ध्यान रहे ये सिर्फ स्क्रीन गार्ड वाली स्मार्टफोन के लिए है। ओरिजनल स्क्रीन पर टूथपेस्ट ना लगाएं। इसके बाद नरम कपड़े से स्क्रीन को पोछ दें। स्क्रीन के हल्के स्क्रैच लगभग गायब हो जाएंगे।
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Ind vs Eng FACTS : हारे हुए मैच में धवन और रहाणे ने बनाया रिकॉर्ड

खेल डेस्क. भारत त्रिकोणीय सीरीज का आखिरी मुकाबला भी इंग्लैंड के हाथों हार गया और सीरीज से बाहर हो गया। दोनों ही टीमों के लिए यह मुकाबला करो या मरो जैसा था। इसमें इंग्लैंड ने बाजी मार ली। भारतीय खिलाड़ियों के बुरे प्रदर्शन का दौर आखिरी लीग मैच में भी जारी रहा। बस, राहत देने वाली बात यह थी कि सीरीज में पहली बार भारतीय ओपनिंग जोड़ी चली और 83 रनों की साझेदारी की।
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अर्धशतकीय साझेदारी के दौरान अजिंक्य रहाणे और शिखर धवन।

रवि शास्त्री और श्रीकांत को छोड़ा पीछे
यह साझेदारी इसलिए भी खास रही, क्योंकि पर्थ में यह ओपनिंग साझेदारी (83 रन) एक भारतीय रिकॉर्ड बन गई। पर्थ में इससे पहले यह रिकॉर्ड रवि शास्त्री और के श्रीकांत के नाम था। इन दोनों ने 22 फरवरी, 1992 को इंग्लैंड के खिलाफ ही 63 रनों की साझेदारी की थी।
सीरीज में पहली बार 50 से अधिक की साझेदारी
इस त्रिकोणीय सीरीज में पहली बार ऐसा हुआ जब भारतीय ओपनिंग जोड़ी ने 50 रनों से अधिक की साझेदारी की। ऑस्टेलिया के खिलाफ पहले मुकाबले में पहले विकेट के लिए 3 रनों की साझेदारी हुई थी, दूसरे मुकाबले में इंग्लैंड के खिलाफ 1 रन की साझेदारी हुई थी, जबकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे मुकाबले में 24 रनों की साझेदारी हुई थी।
वर्ल्ड कप के बाद इन सीरीजों में नहीं खुला भारत का खाता
* 2011 में इंग्लैंड टूर
* 2013 में साउथ अफ्रीका टूर
* 2013-14 में न्यूजीलैंड टूर
* 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया टूर
रन आउट से बचने की सफल कोशिश करते शिखर धवन।धवन ने 33 दिन बाद पहली बाउंड्री लगाई। इससे पहले उन्होंने बॉक्सिंग डे टेस्ट की पहली पारी में बाउंड्री लगाई थी और दूसरी पारी में शून्य पर आउट हो गए थे। इसके बाद सिडनी टेस्ट में उन्हे अंतिम एकादश में शामिल नहीं किया गया। त्रिकोणीय सीरीज के पहले, दूसरे और तीसरे मुकाबले में उन्होंने क्रमश: 2, 1 और 8 रन बनाए थे।

जानिए, क्या हैं महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े 10 चौंका देने वाले खुलासे

नई दिल्ली. महात्मा गांधी के निधन के दशकों के बाद कुछ लेखकों ने उनके व्यक्तित्व के बारे में आलोचनात्मक विश्लेषण किया है। इनमें से एक हैं जानेमाने इतिहासकार जेड एडम्स। इन्होंने अपनी किताब ‘Gandhi: Naked Ambition’ में ऐसे कई दावे किए हैं जिन्हें पढ़कर आप चौंक जाएंगे। यह किताब गांधी के व्यक्तित्व के अलग ही पहलू पर रोशनी डालती है।
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महात्मा गांधी का फाइल फोटो।
एडम्स ने 2010 में लिखी इस किताब में कई विवादास्पद बातों का जिक्र किया है। इन बातों को जानने के बाद जनता और मीडिया में खासा बवाल मचा था। गांधी की सच्चाई के बारे में लोगों के मन में भी कई सवाल उठे थे। लोगों को इन बातों पर विश्वास भी नहीं हो रहा था। dairyphone.blogspot.com यहां लेखक के दावों का सत्यापन नहीं कर रहा, सिर्फ गांधी पुण्यतिथि पर किताब के कुछ अंश प्रस्तुत कर रहा है-
1. जेड एडम्स ने किताब में दावा किया है कि गांधी युवा लड़कियों के साथ नहाते और सोते थे। गांधी के बारे में इस तरह की जानकारी उनके जीवनकाल में ही जान ली गई थी। लेकिन गांधी को ‘राष्ट्र पिता' के तौर पर प्रोजेक्ट किया गया था। उनकी हत्या के बाद इन विवादास्पद तथ्यों को दबा दिया गया था। किताब के मुताबिक गांधीजी ने ब्रह्मचर्य के साथ प्रयोग शुरू किए। उनके आश्रमों में लड़के और लड़कियों को साथ-साथ नहाना और सोना पड़ता था। लेकिन, विवाहित महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग रहना पड़ता था। पतियों को लेकर गांधीजी की सलाह यह थी कि उन्हें अपनी पत्नियों के साथ नहीं रहना चाहिए और जब उन्हें सेक्स की इच्छा सताए तो वे ठंडे पानी से नहा लें।
2. किताब के मुताबिक- गांधी अपनी पत्नी से अक्सर मारपीट करते थे। उन्होंने दशकों तक उनके साथ शारीरिक संबंध भी नहीं रखे।
3. एडम्स ने दावा किया है कि जब गांधी के पिता अपने जीवन की अंतिम सांसें ले रहे थे, तब भी गांधी सेक्स कर रहे थे। उन्होंने 2 ब्रिटिश महिलाओं से आध्यात्मिक शादी की थी। ये दोनों महिलाएं उनके आश्रम में ही रहती थीं।
4. गांधी अपनी 12 वर्षीय भतीजी और एक अन्य महिला के साथ बिना कपड़ों के सोते थे। इस पर गांधीजी का तर्क था कि वे अपनी इच्छाएं नियंत्रित करने के लिए ऐसा करते थे।
5. गांधीजी ने नवविवाहितों को सलाह दी कि वे अपनी आत्मा को पवित्र बनाए रखने के लिए ब्रह्मचर्य का पालन करें तब जवाहरलाल नेहरू ने गांधीजी के विचारों को 'असामान्य और अप्राकृतिक' कहा था।
6. गांधी एक दिन में दो बार एनिमा (प्राकृतिक चिकित्सा की एक पद्धति) करते थे।
7. गांधी के बेटे ने उन्हें छोड़ दिया था और इस्लाम धर्म अपना लिया था। गांधी ने ज़ुलु नरसंहार की निंदा की और इस पर ब्रिटिश सरकार का बचाव किया था।
8. किताब में दावा किया गया कि गांधी ब्रिटिश सेना में सार्जेंट मेजर थे और युद्ध के दौरान शानदार काम करने पर उन्हें मेडल से नवाजा गया था।
9. गांधी अपने दोस्त हिटलर को पत्र लिखते थे और उनका समर्थन भी करते थे।
10. गांधी की यहूदियों के लिए एक खतरनाक सलाह दी थी कि वे सामूहिक आत्महत्या का संकल्प लें। इतिहासकार एडम्स के मुताबिक, गांधी ने कहा था- ‘मुझे आपकी बहादुरी या देश भक्ति के बारे में कोई संदेह नहीं है और न ही मैं आपके विरोधियों के द्वारा प्रचारित दैत्य पर विश्वास करता हूं।' यह बात गांधी ने हिटलर से कही थी।

Friday, January 16, 2015

Hello Friends

Microsoft Cortana is Best But why not for Indian user ?

Cortana is an intelligent personal assistanton Windows Phone 8.1 and the Microsoft Band.In the Technical Preview ofWindows 10, also some files leaked showing that Microsoft will port it to their new OS. Its name comes from Cortana, theartificial intelligence character in Microsoft'sHalo video game series, with Jen Taylor, the character's voice actress, returning to voice the personal assistant's US-specific version. It is similar in function to Siri, which is found on Apple's iOS devices.
Cortana was demonstrated for the first time at the Microsoft BUILD DeveloperConference (April 2–4, 2014) in San Francisco. It has been launched as a key ingredient of Microsoft's planned "makeover" of the future operating systems for Windows Phone, Windows, as well asXbox One. It is currently available to all users of Windows Phone 8.1 in the United States, China, and the United Kingdom. Users in India, Canada and Australia can also choose to opt-in to the beta for the American English version of Cortana as of August. Microsoft expects Cortana to be available globally by early 2015.

         I WANT TO ASK FROM MICROSOFT WHY YOU ARE NOT LAUNCHING IN INDIA 


Cortana WP8.1.png

Tuesday, January 13, 2015

माइक्रोमैक्स ने लॉन्च किया 30 दिन की बैटरी बैकअप देने वाला स्मार्टफोन

गैजेट डेस्क। माइक्रोमैक्स कंपनी ने कैनवास सीरीज का अपना नया स्मार्टफोन लॉन्च किया है। इस फोन का नाम है 'कैनवास ह्यू'। गौरतलब है कि आज ही माइक्रोमैक्स के दूसरे हैंडसेट YU यूरेका की फ्लैश सेल भी है। इस फ्लैश सेल में कंपनी ने 10000 हैंडसेट्स बिक्री के लिए रखे हैं। 
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क्या है खास- 

कैनवास ह्यू में सबसे खास बात है इसकी 3000 mAh की बैटरी। कंपनी का दावा है कि सुपर पावर सेविंग मोड के साथ आने वाला ये हैंडसेट 30 दिनों का स्टैंडबाय टाइम देता है और यही इस फोन की सबसे बड़ी खासियत है। 

कीमत और उपलब्धता-

माइक्रोमैक्स का ये हैंडसेट 10999 रुपए में लॉन्च किया गया है। इस फोन की बिक्री ऑनलाइन और ऑफलाइन स्टोर्स में इस हफ्ते शुक्रवार (16 जनवरी) से शुरू होगी। 
ये डुअल सिम हैंडसेट (GSM+GSM) एंड्रॉइड किटकैट ऑपरेटिंग सिस्टम (4.4.2 वर्जन) पर काम करता है। कंपनी ने इस बात की घोषणा भी कर दी है कि नए कैनवास ह्यू में एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम का लेटेस्ट वर्जन (लॉलीपॉप 5.0) FOTA तकनीक के जरिए (फर्मवेयर ओवर द एयर तकनीक जिसमें ऑटोमैटिकली यूजर्स के डिवाइस अपडेट हो जाते हैं।) अपडेट कर दिया जाएगा, लेकिन ये कब तक होगा इसकी घोषणा कंपनी ने नहीं की है। कैनवास ह्यू में 5 इंच की एचडी स्क्रीन है (720*1280 पिक्सल का रेजोल्यूशन) है। ये AMOLED स्क्रीन है जिसे स्क्रैच प्रूफ बनाने के लिए कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 3 प्रोटेक्शन दिया गया है। माइक्रोमैक्स का ये हैंडसेट गोल्ड और व्हाइट रंगों में लॉन्च किया गया है। पावर की बात करें तो इस फोन में 1.3 GHz का क्वाड-कोर प्रोसेसर दिया गया है। इसी के साथ, ग्राफिक्स प्रोसेसर (Mali 450 GPU) दिया गया है जो HD गेमिंग सपोर्ट करता है। इसके अलावा, इस फोन में मल्टीटास्किंग के लिए 1GB रैम दी गई है। माइक्रोमैक्स कैनवास ह्यू हैंडसेट में 8GB की इंटरनल मेमोरी दी गई है। इस फोन में कार्ड की मदद से 32GB तक मेमोरी बढ़ाई जा सकती है।
कनेक्टिविटी की बात करें तो इस फोन में 3G, वाई-फाई, माइक्रोयूएसबी, GPS जैसे बेसिक फीचर्स दिए गए हैं। 8 मेगापिक्सल ऑटोफोकस रियर कैमरा के साथ आने वाले इस हैंडसेट में सोनी कंपनी का कैमरा सेंसर लगा हुआ है। इसी के साथ, LED फ्लैश है। सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए 2 मेगापिक्सल का फिक्स्ड फोकस कैमरा दिया गया है।