Tuesday, April 14, 2015

यहां चंद घंटे में बनता है आईफोन, फैक्ट्री वर्कर कुछ ऐसे निकालते हैं फ्रस्ट्रेशन

यहां चंद घंटे में बनता है आईफोन, फैक्ट्री वर्कर कुछ ऐसे निकालते हैं फ्रस्ट्रेशन

गैजेट डेस्क: एप्पल, सैमसंग, सोनी जैसी कंपनियों के मार्केट में एक से बढ़कर एक स्मार्टफोन आते हैं। इनका डिजाइन, फीचर्स और सॉफ्टवेयर भी यूजर्स को रास आता है, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि इन सभी कंपनियों केस्मार्टफोन एक ही जगह बनते हैं। जी हां, फॉक्सकॉन फैक्ट्री के अंदर इन कंपनियों के स्मार्टफोन का प्रोडक्शन किया जाता है। फॉक्सकॉन की फैक्ट्री चीन के शेनजेन में हैं। जहां इन कंपनियों के स्मार्टफोन के साथ डेल और एचपी कंपनियों के प्रोडक्ट भी तैयार होते हैं। ये ऐसी फैक्ट्री है जहां कर्मचारी अपना गुस्सा भी निकाल सकते हैं।
फॉक्सकॉन के कर्मचारी
शेनजेन स्थित फॉक्सकॉन के ऑफिस में 3 लाख कर्मचारी काम करते हैं। इसमें काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या कई शहरों की कुल आबादी के बराबर कही जा सकती है। फ्लोरिडा के शहर ऑरलैंडो की कुल आबादी 3 लाख से कम है। इस फैक्ट्री के कर्मचारी दिन और रात दोनों शिफ्ट में काम करते हैं। इतना ही नहीं, एक सिंगल रूम में कुल 8 वर्कर एक साथ रहते हैं।
24 घंटे से कम में तैयार होता है आईफोन
कर्मचारियों की ये टीम क्वालिटी वर्क करती है। यहां पर आईपैड, आईफोन्स, मैकबुक और एप्पल प्रोडक्ट बनाने के दौरान कर्मचारी शांत रहकर काम करते हैं। कई अलग-अलग पार्ट को जोड़कर आईफोन का सिंगल सेट को बनाने में 24 घंटे से भी कम वक्त लगता है। इसमें 6-8 घंटे सॉफ्टवेयर इन्स्टॉल करने के शामिल होते हैं। फैक्टरी के अंदर जहां स्मार्टफोन का कैमरा बनाया जाता है वो जगह पूरी तरह क्लीन होती है।
कर्मचारियों को कितना वेतन
फॉक्सकॉन में काम करने वाले कर्मचारी के वेतन की औसत शुरुआत 285 डॉलर यानी करीब 17,774 रुपए महीना और 1.78 डॉलर यानी करीब 111 रुपए हर घंटे होती है। यहां कोई 80 घंटे से ज्यादा ओवरटाइम भी करता है तो उसे सरकार पैरोल टैक्स नहीं घटाती है। यही कारण है कि यहां के कर्मचारियों ने आत्महत्या तक की है। वो जिस बिल्डिंग में रहते हैं उसके नीच रस्सी का जाल लगाया गया है, ताकि कोई कर्मचारी आत्महत्या नहीं कर सके।
पुतले पर निकालते हैं गुस्सा
कर्मचारियों के लिए इस फैक्ट्री में गुस्सा निकालने की पूरी सुविधा है। दरअसल, अगर किसी वर्कर को फ्रस्ट्रेशन है तो वो अपने गुस्से को यहां लगे पुतलों पर निकाल सकता है। जिसके ऊपर गुस्सा निकालना है उसके चेहरे का प्रिंट आउट इन पुतलों पर लगाया जाता है और फिर उसे बेसबॉल के बैट या फिर लात-घूंसों से पीटा जाता है।
यहां चंद घंटे में बनता है आईफोन, फैक्ट्री वर्कर कुछ ऐसे निकालते हैं फ्रस्ट्रेशन
यहां चंद घंटे में बनता है आईफोन, फैक्ट्री वर्कर कुछ ऐसे निकालते हैं फ्रस्ट्रेशनयहां चंद घंटे में बनता है आईफोन, फैक्ट्री वर्कर कुछ ऐसे निकालते हैं फ्रस्ट्रेशन

PHOTOS: एक स्कूल, जहां पढ़ाई के साथ कराई जाती है लड़कियों की शादी भी

गुजरात के अहमदाबाद स्थित अंध कन्या प्रकाश गृह स्कूल

एजुकेशन डेस्क। हम जिस स्कूल के बारे में आपको बताने जा रहे हैं वह शायद दुनिया में अपने तरह का अनोखा स्कूल है। यहां न सिर्फ लड़कियों को पढ़ाया जाता है बल्कि उनकी शादी का भी ख्याल रखा जाता है। गुजरात के अहमदाबाद में स्थित इस स्कूल का नाम अंध कन्या प्रकाश गृह है। कभी चार बच्चों के साथ खोला गया यह आज एक बड़े आवासीय विद्यालय के रूप में दुनिया के सामने है।
दरअसल, इस स्कूल को खोलने का मकसद बहुत ख़ास था। यह विकलांग लड़कियों को शिक्षित करने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए खोला गया था। बताते चलें कि विकलांग लड़कियों की खराब शिक्षा को लेकर 1954 में नीलकांत राय छत्रपति ने 10 हजार रुपए फंड के साथ इस स्कूल को शुरू किया था। इसकी देखरेख, अंध कन्या प्रकाश गृह नाम के एक गैर सरकारी संगठन के जिम्मे है।
आज की तारीख में यह संस्थान शारीरिक रूप से विकलांग लड़कियों को क्वालिटी एजुकेशन देने के साथ ही उन्हें जीवन के प्रति आत्मनिर्भर बनाने के लिए जाना जाता है। जब विकलांग लड़कियां शादी के योग्य हो जाती हैं तो संस्थान की ओर से उनकी योग्य शादी भी कराई जाती है। निश्चित ही यह अन्य परंपरागत स्कूलों से बिल्कुल अलग है।
विद्यालय की लड़कियां चिक्की, दिवाली के दिए और दूसरे हथकरघा प्रोडक्ट को भी बनाती हैं। जिन्हें मार्केट में काफी पसंद किया जाता है और उनके ठीक-ठाक पैसे भी मिल जाते हैं। यहां के छात्रों को धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलते सुन किसी का चौकना भले लाजिमी हो लेकिन ये विकलांग छात्र पढ़ाई और अन्य गतिविधियों के मामले में किसी भी सामान्य छात्र से बिल्कुल कम नहीं हैं।
शारीरिक रूप से अक्षम छात्र, अंध कन्या प्रकाश गृह स्कूलअंध कन्या प्रकाश गृह की शारीरिक रूप से अक्षम एक छात्रा के शादी की फोटोअंध कन्या प्रकाश गृह में कुर्सी बनाते हुए एक छात्रा.

बिस्तर पर सोने के लिए मिलेंगे 11 लाख रुपए, 70 दिन तक रहना होगा ऐसे

बिस्तर पर सोने के लिए मिलेंगे 11 लाख रुपए, 70 दिन तक रहना होगा ऐसे

(नासा की ओर से कुछ दिन पहले जारी फोटो)
वॉशिंगटन। सोचिए, 70 दिन तक आपको सिर्फ बेड रेस्ट करने को कहा जाए और उसके एवज में दिए जाएंगे 11.25 लाख रु.(18 हजार डॉलर)। सुनकर आश्चर्य हुआ ना। लेकिन यह सच है। नासा ने यह पेशकश की है। माइक्रोग्रेविटी पर लंबे समय तक रहने के प्रभावों की स्टडी करने के लिए यह रिसर्च ‘बेड रेस्ट’ डिजाइन की गई है। इसके तहत प्रतिभागियों को बिस्तर पर 70 दिनों तक लेटे रहना होगा। यानी हॉरिजोंटल स्थिति में ये पूरा समय बिताना होगा।
इस स्टडी में साइंटिस्ट यह देखेंगे कि एस्ट्रोनॉट्स के लिए शून्य गुरुत्वाकर्षण की स्थिति में मांसपेशियों, दिल और हडिड्यों के कामकाज के लिहाज से कौन सी एक्सरसाइज़ बेस्ट रहेगी। प्रतिभागियों को ‘बेड रेस्ट’ फेसिलिटी में शुरुआती दो-तीन हफ्तों तक रोजमर्रा की तरह ही बिताने होंगे। कुल मिलाकर उन्हें 10 हफ्ते बिस्तर पर लेटे हुए बिताने होंगे।
इस दौरान वे सिर को नीचा कर और पैरों को उठाकर शरीर को पीछे की ओर थोड़ा घुमा सकेंगे। नहाने और खुद को साफ-सुथरा रखने के लिए एक प्लास्टिक बेडपान और हाथ से संचालित होने वाला शॉवर रहेगा। वह भी हॉरिजोंटल पोजिशन में। इस दौरान लेटे रहने से प्रतिभागियों को पृष्ठभाग और गले में होने वाले दर्द के बारे में भी पता लगाया जाएगा।
बिस्तर पर सोने के लिए मिलेंगे 11 लाख रुपए, 70 दिन सोना होगा
सारे काम लेटकर ही
रिसर्च में अगले 14 दिन रिकंडीशनिंग एक्टिविटीज़ के लिए रहेंगे। जिनमें बैठना, साइक्लिंग और चलना वह भी लेटे हुए। साथ ही नियमित टेस्ट से यह जानने की कोशिश की जाएगी कि रेगुलर एक्सरसाइज़ से शरीर को सामान्य अवस्था में आने में कितनी मदद मिल रही है। नासा इस रिसर्च के लिए स्वस्थ प्रतिभागियों की तलाश कर रहा है। हालांकि रिसर्च में भाग लेने वाले प्रतिभागी का अमेरिकी नागरिक होना या स्थायी निवासी होना अनिवार्य है। तभी परीक्षण में शामिल हो सकेंगे।
बिस्तर पर सोने के लिए मिलेंगे 11 लाख रुपए, 70 दिन सोना होगा

Joke of the day( Lotpot)

बहुत तेज बारिश हो रही थी। एक बुढिया दिल्ली से
चण्डीगढ जाने वाली बस में चढी!
ड्राईवर से कहा कि पानीपत आ जाए तो बता देना।
बस चलती रही, पानीपत निकल गया पर ड्राईवर
बुढिया को बताना भूल गया और बस अम्बाला पहुँच
गयी।
बुढिया ने पूछा ये कौन सी जगह है
तो ड्राईवर बोला, ताई पानीपत तो बहुत पीछे रह
गया।
बुढिया रोने लगी और कहने लगी कि मुझे पानीपत ले
चलो।
काफी ना नुकर के बाद और बुढिया की हालत देखते हुए
जब सभी यात्रियों ने भी कंडक्टर
को वापस पानीपत चलने को कहा तो ड्राईवर वापस
चल दिया।
पानीपत पहुँचने पर जब बस रुकी तो कंडक्टर बोला,
ताई पानीपत आ गया, उतर।
बुढिया बोली, उतरना किसको है?
कंडक्टर बोला तो बस वापस क्यों कराई?
बुढ़िया बोली मुझे तो डाक्टर ने
बोला था कि पानीपत पहुँचकर दवाई खा लेना।😜😜😃😃😜😀

Math trics

आज हम गणित के जरिये
बतायेगे आप कितने भाई
बहन है

-विश्ववास नही हो रहा है
ना ??ये मजाक नही है !
चलो Try करके देखते है !

1- सबसे पहले भाइयो की
      सख्या जितने आप
       भाई है !

2- अब उसमे 2 का
     अकं जोड ले !

3- अब उस मै 2 का गुणा
      करिये !

4- अब उसमे 1अकं और
     जोडिये !

5- अब उसमे 5 का गुणा
      करिये !

6- अब उस योग मे बहनो
      कि सख्या जोड ले !

7- अब कुल योग मे 25 घटा
     दिजिये !

8- अब आपको 2 अकं
     मिलेगे पहला अकं भाई
      का दूसरा अकं बहन
       की सँख्या है

दोस्तो चेक कर le गलत
हुआ तो कल से
wattsaap बंद

Olx is great

पंडित जी से गृहिणी ने घर की खुशहाली का उपाय पूछने पर::

पंडित जी- पहली बनी रोटी गाय को और आखरी कुत्ते को खिलाओ!!

गृहणी- पहली मैं और आखरी तो ये'' ही खाते हैं,
और कोई उपाय????
😂😂😂😂😂
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
...
Olx  का मालिक आत्महत्या करने वाला है
क्योंकि एक मारवाड़ी ने अपना 2014 का केलेंडर बेचने के लिए Olx पे डाल दिया

साला बोलता है यहाँ सबकुछ बिकता है ।
ले अब बैच के दिखा ?😤
😂😂😂😂😂😂😂

Pintu chintu

पिंटू: पापा में आपको कुछ बताना चाहता हूँ
पापा: हां बोल
पिंटू: वादा करो आप गुस्सा नही करोगे
पापा: बोल जल्दी नही तो पिटेगा अभी
पिंटू: मेरे फेसबुक पे 10 फेक अकाऊंट हैं
पापा: हरामखोर मुझे क्यों बता रहा है?
पिंटू: वो जो सरिता भाभी को आप 10 दिन से पार्क मे बुला रहे हो और वो आ नही रही वो मैं ही हूँ।
😛😝😜😂

Monday, April 13, 2015

Strugle

आजकल के बच्चो को क्या पता कि struggle क्या होता है...
.
.
.
.

हमने वो समय भी देखा है
.
.
.
.
.
जब मोबाइल मे "S" टाइप करना हो तो "7" के बटन को 4 बार दबाना पड़ता था ।।
😂😂😆😆😆😆😆

Gf and boyfriend

Joke of the day

बहुत तेज बारिश हो रही थी। एक बुढिया दिल्ली से
चण्डीगढ जाने वाली बस में चढी!
ड्राईवर से कहा कि पानीपत आ जाए तो बता देना।
बस चलती रही, पानीपत निकल गया पर ड्राईवर
बुढिया को बताना भूल गया और बस अम्बाला पहुँच
गयी।
बुढिया ने पूछा ये कौन सी जगह है
तो ड्राईवर बोला, ताई पानीपत तो बहुत पीछे रह
गया।
बुढिया रोने लगी और कहने लगी कि मुझे पानीपत ले
चलो।
काफी ना नुकर के बाद और बुढिया की हालत देखते हुए
जब सभी यात्रियों ने भी कंडक्टर
को वापस पानीपत चलने को कहा तो ड्राईवर वापस
चल दिया।
पानीपत पहुँचने पर जब बस रुकी तो कंडक्टर बोला,
ताई पानीपत आ गया, उतर।
बुढिया बोली, उतरना किसको है?
कंडक्टर बोला तो बस वापस क्यों कराई?
बुढ़िया बोली मुझे तो डाक्टर ने
बोला था कि पानीपत पहुँचकर दवाई खा लेना।😜😜😃😃😜😀

Missunderstanding

ग्राहक- सेठ जी लाल मिर्च देना!
सेठ नौकर से - हरी मिर्च देना रे!
ग्रहाक- पर मुझे तो लाल मिर्च लेनी हैं.
सेठ फिर नौकर से- हरी मिर्च देना रे!
ग्रहाक- लेकिन मुझे लाल मिर्च चाहिये.
सेठ ग्रहाक को गुस्से से- अरे रुक जा यार!.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
हरी मेरे नौकर का नाम है..
“Teacher -Translate the sentence into English..

‘वसंत ने मुझे मुक्का मारा'

Santa- 'वसन्तपंचमी'..!"😂

All indians

हरप्रीत सिंह इंग्लैंड में रहता था। उसके साथ उसकी माँ और बाबूजी भी रहा करते थे। एक बार उसकी माँ चल बसी तो उसने माँ का पार्थिव शरीर बक्से में पैक करवा कर अपने गाँव भेजा। गाँव में उसके भाई मनप्रीत सिंह ने बक्सा खोला तो देखा कि बक्से में माँ की लाश तो थी, लेकिन एक इंच जगह भी खाली नहीं थी। माँ के हाथ छाती पर थे और अंगुलियों में एक चिट्ठी फँसी थी। मनप्रीत ने ऊँची आवाज़ में वह चिट्ठी पढ़नी शुरू की।

"प्यारे भाई मनप्रीत, जसप्रीत, सुखविंदर और परमिंदर, माफ़ करना मैं ख़ुद नहीं आ सका क्योंकि मेरी तनख़्वाह काट दी जाती। मैं माँ को बक्से में इसलिए भेज रहा हूँ, क्योंकि वह चाहती थी कि उसका क्रियाकर्म गाँव में ही हो। लाश के नीचे इंपोर्टेड चॉकलेट के कई पैकेट रखे हैं, इसे बच्चों में बाँट देना। यहाँ अखरोट अच्छे मिलते हैं इसलिए तुम्हें बक्से में अखरोट के भी दो बड़े पैकेट मिलेंगे। माँ के पैरों में तुम्हें दो जोड़े सैंडल के और एक जोड़ा रीबॉक जूतों का बंधा मिलेगा। सैंडल संतो मौसी और राजवंत कौर के लिए हैं, और जूते मोहिंदर के लिए हैं। शायद साइज़ ठीक ही होगा। माँ ने चार जींस पहनी हुई हैं, एक तुम्हारे लिए, एक जसप्रीत और बाक़ी दोनों सुखविंदर और परमिंदर के लिए है। माँ के एक हाथ में स्विस घड़ी होगी, जिसे प्रीतो भाभी ने मंगाया था। जीतो ने जो नेकलेस मंगाया था वह माँ के गले में है, पम्मी ने जो कान की बालियाँ मंगाई थीं वह माँ के कानों में हैं। उन्हें ये सारी चीज़ें निकाल कर दे देना। माँ कै पैरो में छः जोड़ी मोज़े हैं, उन्हें मेरे भतीजों के बीच बाँट देना। माँ ने छः टी-शर्ट भी पहन रखे हैं, उन्हें मेरे सालों को दे देना। अगर किसी और चीज़ की ज़रूरत हो तो मुझे बता देना, आजकल बाबूजी की तबीयत भी ज़रा ठीक नहीं रहती"।
😜😭😭😀😀😜😜

दवाई समय पर न लेने और कोर्स बीच में छोड़ने से पैदा हो सकती हैं ये समस्याएं

तस्वीरों का इस्तेमाल प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है

लाइफस्टाइल डेस्कः एक अध्ययन के मुताबिक करीब दो-तिहाई मरीज़ खुद ही दवा लेना बंद कर इलाज बीच में छोड़ देते हैं। यह लापरवाही साधारण-सी परेशानी को गंभीर रोग की शक्ल दे सकती है।
हममें से अधिकांश लोग समस्या के गंभीर रहने तक ही दवाओं की खुराक और वक्त को लेकर गंभीर नज़र आते हैं। परेशानी कम हुई नहीं कि दवा लेने के प्रति लापरवाह हो जाते हैं। वहीं कुछ लोगों का यह भी मानना है कि ज़्यादा एंटीबायोटिक्स शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं, इसलिए डॉक्टर पांच दिन की दवा लिखे, तो तीन दिन की ही खाओ, जबकि दवाओं (ख़ासकर एंटीबायोटिक्स) की अधूरी खुराक आपकी मुसीबतें बढ़ा सकती हैं। गौर कीजिए यह गलती कितनी भारी पड़ सकती है।
वजह रहेगी बरकरार
मरीज़ को दी जाने वाली दवाओं की खुराक मर्ज़ और उसकी गंभीरता पर निर्भर करती है। यदि दवा की खुराक बीच में ही छोड़ दी जाए, तो रोग जड़ से नहीं मिटेगा। स्वाभाविक है कि इस स्थिति में मर्ज़ वापस लौटेगा। उदाहरण के लिए किसी को वायरल है, तो एंटीबायोटिक्स के असर के कारण वायरस मरेंगे और संक्रमण कम होगा। ऐसे में दवाओं की खुराक अधूरी छोड़ दी, तो बच गए वायरस अपनी संख्या बढ़ाकर दोबारा धावा बोलेंगे। वहीं कमज़ोर हो चुका शरीर उनका सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं होगा, तो परेशानी और बढ़ेगी।
दवाई समय पर न लेने और कोर्स बीच में छोड़ने से पैदा हो सकती हैं ये समस्याएं
दुष्प्रभाव का गणित
आम धारणा है कि एंटीबायोटिक दवाएं लेने से किडनी, लीवर, हृदय आदि को नुकसान पहुंच सकता है। साथ ही इन दवाओं के कारण बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है, जबकि पूरा सच यह है कि एंटीबायोटिक्स के दुष्प्रभावों का सामना तब करना पड़ता है, जब उनका सेवन आवश्यकता से अधिक मात्रा में किया जाए। डॉक्टर मरीज़ की ज़रूरत के आधार पर एंटीबायोटिक्स की खुराक निर्धारित करते हैं, इसलिए उनके द्वारा सुझाई गई दवाओं की पूरी खुराक लेने पर नुकसान नहीं पहुंचेगा।
उल्टी पड़ सकती है बात
पहली बार कोई रोग सताए, तो कम पावर की एंटीबायोटिक दवाओं से फायदा मिल जाता है। लेकिन उसी मर्ज़ के लौटने या दोबारा होने की स्थिति में मरीज़ पर पहले दी गई दवाओं से ज़्यादा पावर (क्षमता) वाली एंटीबायोटिक ही असर दिखाती है। यानी अगर आप कम एंटीबायोटिक लेने के चक्कर में दवाओं का कोर्स पूरा नहीं करते हैं, तो आपको पहले से ज़्यादा और अधिक पावर वाली दवाएं लेनी पड़ सकती हैं।

टीवी एक्ट्रेस ने खोला कॉस्टिंग काउच का सच, कहा-बिचौलिए उठाते हैं फायदा

पटियाला पहुंची जय जय जय बजरंग बली सीरियल की एक्ट्रेस हरमनप्रीत कौर।

पटियाला। पटियाला पहुुंची जय जय जय बजरंग बली सीरियल की पार्वती और शाही शहर की हरमनप्रीत कौर भाटिया ने बताया कि बॉलीवुड में काॅस्टिंग काउच का सच है। इससे इनकार भी नहीं किया जा सकता। इससे बचने का बेहतर तरीका यही है कि आप स्ट्रिक्टली मना कर दें। इसमें हायर लेवल के डायरेक्टर या एक्टर शामिल नहीं होते। केवल बिचौलिए ही आपको बहका सकते हैं। वह तलाशते हैं कि इंडस्ट्री में किसके गॉडफादर नहीं है। जो लोग इसमें शामिल होते हैं, वह इंडस्ट्री में लंबी पारी नहीं खेल पाते।
पटियाला में किए थिएटर का एक्सपीरियंस आया काम
मैंने अपनी प्रोफाइल इंडस्ट्री के लोगों को मेल की थी। वहां से एक दिन कॉल आई और ऑडिशन के लिए बुलाया। काफी लोग ऑडिशन के लिए पहुंचे थे। मैंने सोच रखा था कि मेरा काम बनेगा ही। और हुआ भी यही। इस समय पल्टन और जय जय जय बजरंग बली सीरियल कर रही हूं। सीरियल में मेरे लिए जो चीज काम आई, वह पटियाला में थिएटर में किया गया काम। आगे बात चल रही है, जल्द ही कुछ सीरियल और फिल्मों में नजर आऊंगी।
आर्ट और कमर्शियल सिनेमा का गैप कम हो रहा
आर्ट और कमर्शियल सिनेमा का गैप इंडस्ट्री में बना रहेगा। अब लोग अच्छा काम कर रहे हैं। कई नए डायरेक्टर नई सोच के साथ आर्ट और कमर्शियल हो जोड़ने का काम कर रहे हैं। इस गैप की कीमत कई लोगों को चुकानी पड़ी है। यहां पर स्ट्रगल होता है। पर काम की सराहना होती है। काम को लोग देखे और उसकी सराहना करें, यह किसी भी कलाकार के लिए जरूरी होता है।
माया नगरी में मिस करती हूं शाही शहर के परांठे
शाही शहर से मायानगरी के बीच मैंने घर के खाने को बहुत मिस किया। बड़ा पाव का अपना टेस्ट होता है, लेकिन परांठे वहां नजर नहीं आते। डेढ़ साल बाद जब पटियाला पहुुंची तो सोचा कि रेस्ट करूंगी, पर यहां ऐसा लगा कि मुंबई से ज्यादा काम है। हरमनप्रीत कौर भाटिया ने बताया कि मुंबई में मेरा दूसरा दिन था। एक दिन लोकल बस में चढ़ी। कंडक्टर की मराठी मेरे समझ में नहीं आई। उससे कहती रही कि मुझे पुणे ���हीं जाना है। पांच मिनट की बहस के बाद उसने कहा कि आगे बढ़ो। मैंने उससे कहा, पहले हिंदी में इतना कह देते तो इतना टाइम वेस्ट नहीं होता। कलाकार के लिए जरूरी होता है कि उसकी मूवी पर सभी की नजर रहे। जरूरी नहीं कि मूवी सभी जगह रिलीज हो। कहा, ब्लैक होम के केस में ऐसा ही हुआ। इतना जरूर है कि ब्लैक होम को मुंबई में एक दिन में तीन शो मिले। आशुतोष राणा के साथ भले ही स्क्रीन शेयर करने का मौका न मिला हो, पर सीखने को जरूर मिला।
हरमनप्रीत कौर भाटिया।हरमनप्रीत कौर भाटिया।जय जय जय बजरंग बली सीरियल में पार्वती के राेल में हरमनप्रीत कौर।

PHOTOS: ऐसी है RCB के बल्लेबाज क्रिस गेल की लाइफस्टाइल

(क्रिकेटर क्रिस गेल की बिंदास लाइफस्टाइल)

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की इन दिनों चारों और धूम है। हाल ही में हुए एक मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ( RCB) ने मौजूदा चैम्पियन कोलकाता नाइटराइडर्स को तीन विकेट से हराकर आईपीएल-8 में अपने अभियान का जोरदार आगाज किया। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल ने 56 गेदों पर 96 रन की तूफानी पारी खेली। वे एक हार्ड हिटिंग बेस्टमैन हैं।
गेल जब भी क्रिकेट के मैदान पर होते हैं तो खेलने का उनका तूफानी अंदाज सामने वाली टीम पर भारी पड़ता हैं। क्रिस, जिस तरह से बल्लेबाजी करते हैं, उससे देखने वालों में भी रोमांच पैदा होता है। क्रिकेट में उनके तूफानी अंदाज की तरह ही उनकी लाइफस्टाइल भी किसी रोमांच से कम नहीं है।
बिंदास है लाइफस्टाइल

क्रिकेटर क्रिस गेल की लाइफस्टाइल रोमांच से भरपूर है। उनका इंस्टाग्राम अकाउंट बताता है कि गेल काफी रोमांटिक हैं। वे बिंदास लाइफस्टाइल जीना पसंद करते हैं। रोमांस, एडवेंचर, डांस, म्यूजिक, मस्ती उनके जीवन का हिस्सा है। वे एन्जॉयमेंट 
के साथ जीना पसंद करते हैं।

पाक बॉर्डर पर बंदूकों के पहरे में कटती हैं फसल, बिना डरे महिलाएं करती हैं काम

पाक बॉर्डर पर बंदूकों के पहरे में कटती हैं फसल, बिना डरे महिलाएं करती हैं काम

श्रीगंगानगर. फायरिंग, घुसपैठ, नशीले पदार्थों की तस्करी, बार्डर पर आमतौर पर यही होता है, लेकिन राजस्थान का श्रीगंगानगर बार्डर अपने आप में अनूठा है। यहां शांति की फसल होती है। भारत-पाक सीमा पर बसे इन गांवों में किसान तारबंदी के इस ओर तथा उस ओर दोनों तरफ खेती करते हैं और वो भी बकायदा बीएसएफ जवानों की कड़ी सुरक्षा में।
सीमा पर माहौल कितना भी खराब हो, बीएसएफ कभी भी यहां खेती से मना नहीं करती। बल्कि, किसानों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़ी रहती है। रबी सीजन में इन खेतों में अमूमन बैसाखी के आसपास फसलों की कटाई शुरू हो जाती है।
श्रीगंगानगर में ही खेती क्यों : राजस्थान के चार जिले भारत-पाक सीमा से सटे हैं, जिनमें श्रीगंगानगर, बीकानेर, बाड़मेर व जैसलमेर शामिल हैं। इनमें श्रीगंगानगर जिला ऐसा है, जहां सारे खेतों में सिंचाई नहरों व खालों से होती हैं। बाकी जिलों में बार्डर के आसपास सिंचाई होती है, लेकिन वह बारिश पर टिकी है। यानी बारिश होने पर किसान वहां बुवाई करते हैं। चूंकि श्रीगंगानगर में पानी की मात्रा अच्छी है। सो यही जिला ऐसा है, जहां नियमित रूप से खेती होती है।
20 गांवों के 5000 से ज्यादा किसान करते हैं अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास खेती
> किसानों को बीएसएफ आई कार्ड जारी करती है।
> खेतों में आते और जाते दोनों समय चेकिंग होती है।
> किसान केवल दिन में ही खेती कर सकते हैं।
> बीएसएफ जवान खेतों में तैनात रहते हैं।
पाक बॉर्डर पर बंदूकों के पहरे में कटती हैं फसल, बिना डरे महिलाएं करती हैं कामपाक बॉर्डर पर बंदूकों के पहरे में कटती हैं फसल, बिना डरे महिलाएं करती हैं कामपाक बॉर्डर पर बंदूकों के पहरे में कटती हैं फसल, बिना डरे महिलाएं करती हैं काम

Royal wedding: पैरों तक हीरों से लदी दुल्हन, 21 देशों से आए 5000 गेस्ट

Royal wedding: पैरों तक हीरों से लदी दुल्हन, 21 देशों से आए 5000 गेस्ट

बंदर सेरी बेगावान ब्रुनेई के सुल्तान हसन-अल-बोलकिया के सबसे छोटे बेटे प्रिंस अब्दुल मलिक की शादी का समारोह चल रहा है। 5 अप्रैल को शुरू हुआ समारोह, 15 अप्रैल तक चलेगा। स्टेट मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को बेहद शाही अंदाज में प्रिंस अब्दुल की शादी की रस्म पूरी हुई। अब्दुल ने 22 वर्षीय डेयांग्कू रबी-तुल अदावियाह पेंगिरान से शादी की है, जो पेशे से सिस्टम डाटा एनलिस्ट और और आईटी इंस्ट्रक्टर हैं।
राजधानी बंदर सेरी बेगावान की दो अलग-अलग लोकेशन्स पर पिछले 11 दिनों से शादी का समारोह चल रहा है। धार्मिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के लिए समारोह स्थल पर सार्वजनिक स्टेज भी लगाए गए हैं। समारोह के बाद नवविवाहित जोड़े ने फोटोग्राफर्स के लिए तस्वीरें भी खिंचवाई।
सन् 1967 से ब्रुनेई पर शासन कर रहे हसन-अल-बोलकिया की गिनती दुनिया की सबसे अमीर शख्सियतों में की जाती है।
पैरों तक हीरों से लदी दुल्हन
- हीरों से जड़ा ताज। इसमें बेशकीमती 6 पन्ने जड़े हैं। हीरों का ही नेकलेस। बुके मिला, वो भी रत्नों का।

- पेंडेंट में 3 पन्ने। अंडे जितने बड़े 2 पन्नों वाला ब्रूच। सोने की पायल। स्वारोवस्की क्रिस्टल जड़े सैंडल।
दूसरे सबसे अमीर सुल्तान
- 1788 कमरे महल में। छत पर सोने की प्लेट्स। 1.24 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति।
- 7000 कारों का काफिला। 600 रॉल्स रॉयस, 300 फरारी। सोने से जड़ा विमान भी
Royal wedding: पैरों तक हीरों से लदी दुल्हन, 21 देशों से आए 5000 गेस्ट

रिलेशनशिप पर बोले विराट, 'अनुष्का मुझे चीयर करती हैं तो मैं रन बनाता हूं

ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट सीरीज के दौरान मेलबर्न में साथ दिखे थे विराट-अनुष्का।

खेल डेस्क. क्रिकेटर विराट कोहली अब अनुष्का शर्मा से अपने रिलेशनशिप पर खुलकर बात करते हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया कि वर्ल्ड कप 2015 के सेमीफाइनल में हार के बाद अनुष्का ने ही उन्हें सबसे ज्यादा संभाला और सपोर्ट किया। विराट के अनुसार, “हार के बाद क्रिकेट फैन्स से मिल रहे रिएक्शन के बाद अनुष्का ने ही मुझे संयम बरतने और अपने खेल पर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया।” बता दें कि वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से मिली हार के बाद क्रिकेट फैन्स ने विराट कोहली 
और उनकी गर्लफ्रेंड अनुष्का पर निशाना साधा था। विराट ने इस मैच में एक रन बनाया था।
इंटरव्यू में विराट ने हार के बाद के अनुभव शेयर करते हुए कहा, “अनुष्का ने मुझे शांत रहने और अपने खेल पर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया। अनुष्का का कहना था हमारे देश में लोग इसी तरह सोचते हैं।” विराट ने कहा कि मैच के बाद हमारे पोस्टर जलाए गए, हार के लिए अनुष्का को ब्लेम किया गया। तब कोई क्यों सामने नहीं आया था जब मैंने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट में चार सेन्चुरी बनाई थी। तब क्यों किसी ने नहीं कहा कि ये भी अनुष्का के कारण हुआ। बता दूं कि अनुष्का हर टेस्ट मैच में वहां मौजूद थीं और टीम और मुझे सपोर्ट कर रही थीं।
अनुष्का के कारण ही खेल सका
विराट ने ये भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में अच्छे प्रदर्शन का कारण अनुष्का ही थीं। उनके कारण ही मैं अच्छा प्रदर्शन कर सका। विराट के अनुसार, “लोग जानते नहीं कि अनुष्का ही वो वजह हैं जिनके कारण टेस्ट सीरीज में मैंने अच्छा खेला। फील्ड पर मैं खुश और संयमित रहता था, क्योंकि फील्ड के बाहर मैं क्वालिटी टाइम बिता रहा था।” विराट कहते हैं कि उन्हें ये जानकर धक्का लगा कि लोग किसी की पर्सनल लाइफ को किस हद तक टारगेट कर सकते हैं।
अनुष्का का किया बचाव
विराट ने गर्लफ्रेंड अनुष्का का बचाव करते हुए कहा कि हार से उनका कोई लेना देना ही नहीं था। उनका मुझपर पॉजिटिव 
विराट ने कहा, “मैं निजी तौर पर हार के बाद हुए बर्ताव से बहुत निराश था। मैंने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन एक मैच में असफल होने के कारण इस तरह की प्रतिक्रियाएं हुईं। इससे आप कई लोगों पर से विश्वास खो देते हैं।” उन्होंने सोशल मीडिया पर फैन्स द्वारा किए गए बर्ताव पर कहा, “मैं दुखी था। उन्हें शर्म आनी चाहिए।इफेक्ट ही था। विराट ने ये भी साफ किया कि उस घटना के बाद उनका रिलेशनशिप और मजबूत हो गया है